शिक्षक या शापित……..
“सर सबके मन में अच्छा काम करने की चाहत होती हैं वैसेही मेरी भी थी. मैं आपके ही तरह अध्यापक बनना चाहता था. मेरे जीवन की सबसे बड़ी इच्छा थी की मैं भी अध्यापक बनके मेरे छात्रों को सबसे बेहतर ज्ञान दू. मेरे साये में पढे बच्चे आगे जाकर अपना और अपने परिवार का नाम उजागर करे. पर क्या करे? पर शायद मेरे किस्मत में ऐसा नहीं लिखा था.”